मूली के ये चमत्कारिक फायदे जानकर दंग रह जाओगे फिर इसको रोज खाओगे

मूली का वैज्ञानिक नाम रफ़ानस सैटाईवस है। मूल रूप से एशियाई बाजारों के कुछ हिस्सों में मूली को डिकॉन के रूप में भी जाना जाता है। मूली सलाद का आम हिस्सा है। यह बहुत सारे रस के साथ,खाने में मीठी, कडवी जरूर होती है । मूली विभिन्न आकार में काले, सफेद, लाल या बैंगनी रंग की होती है। साथ ही साथ यह लंबी और बेलनाकार सकती है। मूली के बीज से प्राप्त तेल का उपयोग स्वास्थ्य प्रयोग के लिए भी किया जाता है। यह कच्ची या पका कर खाई जाती है। मूली में पत्तियां, फूल, फली और बीज होते हैं। इसीलिए मैं आप को मूली खाने के कुछ फायदे बताउंगा ।

पीलिया में फायदे

पीलिया रोग में मनुष्य प्रतिदिन बासी मुँह मूली का सेवन करे । ४० ग्राम चीनी को १३० मिलीलीटर मूली के पत्तों के रस में मिलाकर सुबह के समय रोगी को पिलाएं जाये तो एक सप्ताह में रोगी को आराम मिल जाएगा। मूली के पत्ते के रस को १६-२० मिलीलीटर २ उबाल आने तक पकाया जाये। फिर बाद में उतारकर ३० ग्राम मिश्री मिलाकर पिलाएं। सिरके में बने मूली के अचार के सेवन से पीलिया रोग ठीक हो जाता है। मूली में विटामिन `सी, लौह, कैल्शियम, सोडियम, मैग्नेशियम और क्लोरीन आदि कई खनिज लवण होते हैं,जो लीवर (जिगर) की क्रिया को ठीक करते हैं। ३० मिलीलीटर मूली के रस में लगभग २ ग्राम का चौथाई भाग पिसा हुआ नौसादर मिलाकर सुबह-शाम लेने से पीलिया रोग दूर हो जाता है। पीलिया रोग में गन्ने के रस के साथ मूली के रस को भी खाना चाहिए, मूली के पत्तों की बिना चिकनाई वाली भुजिया खानी चाहिए। २ चम्मच कच्ची मूली का रस तथा उसमें २ चुटकी जवाखार मिलाकर सेवन करें। कुछ दिनों तक सुबह,दोपहर और शाम को लगातार पीने से पीलिया रोग ठीक हो जाता है।

वजन घटना

मूली में कार्बोहाइड्रेट्स कम पाया जाता है। जो खाना पचाने में मदद करता है। मूली के सेवन से आपकी भूख शांत रहती है। मूली में पानी की मात्रा बहुत अधिक होता है जो वजन कम करने वाले लोगों के लिए बहुतअच्छा आहार विकल्प बन जाता है। मूली में ग्लाइकेमिक इंडेक्स कम और फाइबर उच्च पाया जाता है मूली आँतो के कार्यों में वृद्धि करते हैं,जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है और सभी शारीरिक प्रक्रियाओं के लिए चयापचय की कार्य क्षमता को बढ़ाता है। मोटापा दूर करने के लिए मूली के रस में नींबू और नमक मिलाकर सेवन करें।

सफेद दाग़ में चमत्कारी

आज के समय में बहुत से लोगो के शरीर में सफेद दाग़ पाया गया। विटिलिगो या ल्यूकोडर्मा को मेडिकल भाषा में सफेद दाग कहते है। मूली के बीज इसके उपचार में उपयोग किए जाते हैं। मूली अपने एंटी-कॉर्सनोजिनिक और डिटॉक्सिफ़िकेशन गुणों के कारण ल्यूकोडर्मा के उपचार में उपयोगी होती है।बीजों का पाउडर बनाए और अदरक, सिरके के रस या गायों के मूत्र में भिगोए और फिर सफेद दाग़ जहाँ पर हो वहाँ लगाएँ। आप मूली को खाकर भी ल्यूकोडर्मा के उपचार में सहायक बन सकते है।

डायबिटीज में लाभकारी

मूली लंबे समय से कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स के लिए जानी जाती है । मूली खाने से रक्त शर्करा के स्तर पर असर नहीं पड़ता है। आधी मूली का रस पीने से मधुमेह लाभ मिलता है।

किडनी में लाभकारी

मूली का पत्ता निस्संक्रामक, मूत्रवर्धक और शुद्धिकारक के रूप में लिवर संबंधी विकारों के उपचार में सहायता करती है। मूली का रस पेशाब के दौरान सूजन और जलन कम करने में मदद करता है । मूली का रस पीने से पेशाब पीली नहीं होती है।

अन्य फायदे

१- मूली खाने से किडनी ख़राब हो जाती है।
२- मूली को चबाकर खाने हिचकी ख़त्म हो जाती है
३- सुबह-सुबह मूली के नरम पत्तों पर सेंधा नमक लगाकर खाने से मुंह की दुर्गंध दूर होती हैं।
४- मूली खाने से पाचनशक्ति बढ़ती है।
५ – मूली खाने से लिवर मजबूत होता है।
६ – सुबह-शाम मूली का रस पीने से पुराने कब्ज में भी लाभ होता हैं।
७ – पायरिया से परेशान लोग मूली के रस से दिन में ४-५ बार कुल्ले करें।
८ – नींद लाने में भी मूली सहायक होता हैं।
९ – प्रतिदिन मूली खाने से मुँह,आंत और किडनी की कैंसर का खतरा कम रहता हैं।
१० – मूली खाने से आंखों की रेटीना बढ़ता हैं।

नुक्सान

१ – मछली के साथ मूली नहीं खाये।
२- मूली खाने के बाद दूध नहीं पीना चाहिए।
3-रात में मूली नहीं खानी चाहिए।

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